बहुत से लोग नहीं जानते गुड़हल के फूल में छुपे ये फायदे…

अलग-अलग प्रकार और रंग में मिलने वाले फूल न सिर्फ प्रकृति की खूबसूरती बढ़ाते है बल्कि ये हमारी खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होते हैं। पुराने जमाने में किसी भी तरह की बीमारी के ल‍िए फूलों में मौजूद जादुई औषधीय गुणों का इस्‍तेमाल कर दवाईयां बनाई जाती थी। एक कप चाय बनाने से लेकर लोशन और फेसवॉश के तौर पर फूलों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। कई बार चोट और कई अन्य बीमारियों में भी ये बेहद कारगर होते हैं तो आइए जानते है कि कैसे अलग अलग फूलों को प्राकृतिक उपचार के रूप में इस्‍तेमाल किया जा सकता है।गुड़हल का फूल कई तरह से स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भी परिपूर्ण होता है।


गुड़हल के फूल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, खनिज, शरीर को कई बीमारियों से राहत दिलाने में रोगी की मदद करते हैं। इसमें विटामिन सी की मात्रा भी प्रचुर मात्रा में होती है। इस फूल का शरबत व चाय बनाकर भी पी सकते हैं। गुड़हल का फूल हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। इससे झुर्रियों की समस्‍या भी दूर होती है। यह त्वचा की नमी को दोबारा वापिस लाने में मदद करता हैं। गुड़हल के फूल का प्रयोग घाव को भरने में भी काफी लाभदायक माना जाता है।घाव या चोट लगने पर आपको गेंदे के फूल का रसलगाना चाहिए। ये एंटीसेप्टिक होता है और घाव भरने में करागर होता है। फोड़े-फुंसी हो जाए तो गेंदे कि पत्तियों को पीस कर वहां लगा दें।


एग्जिमा, दाग-धब्बे के साथ ही अगर आग से जल जाएं तो आप इस पर गेंदे और तुलसी की पत्तियों को पीस कर लगाएं। लगातार लगाने से ये समस्याएं दूर हो जाएंगी।सूरजमुखी के फूलों को नारियल तेल में मिलाकर कुछ दिनों तक धूप में रखें। अब इस तेल का प्रयोग शरीर की मालिश के लिए करें। इसके इस्‍तेमाल से त्वचा संबंधी सभी एलर्जी खत्‍म हो जाती है।गुलाब का फूल विटामिन सी की कमी को पूरा करने में भी सहायक है। इसे आप किसी भी रूप में लें ये आपके शरीर को डिटॉक्स भी करता है। गुलाब स्कर्वी के उपचार और गुर्दे से जुड़ी समस्याओं पर बेहद कारगर होता है। गुलाब की कलियों का अर्क यूरिन से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है।


साथ ही पेट की जलन को शांत भी करता है। गुलाब की पंखुड़ियां को पीसकर अगर पीएं या शरीर पर लगा लें तो गर्मी के कारण हो रहे सिर दर्द और बुखार को ठीक किया जा सकता है। साथ ही ये झाइयों को दूर करने में भी कारगर है।कमल के बीज को गर्म पानी में डालें और जब ये फूल जाए तो इसमें काला नमक और चायपत्ती डाल कर उबाल लें। इसें आप दिन में कई बार पीएं। इसके सेवन से वेटलॉस होने लगेगा। इसकी पत्तियों को पीस कर जली या झुलसी त्वचा पर लगाने से उसकी जलन खत्म होने लगती है। साथ ही इससे जले का निशान भी धीरे-धीरे खत्‍म होने लगता है।